सदर अस्पताल में दलाल सक्रिय
समस्तीपुर सदर अस्पताल में कुछ दलाल और कर्मियों की मिलीभगत से मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। इसके बदले मरीजों से मोटी रकम ली जाती है।
कुछ महीने पहले अस्पताल प्रबंधन ने “दलालों से सावधान रहें” का बैनर लगाया था। लेकिन 100 से ज्यादा सुरक्षा गार्ड और 30 सीसीटीवी कैमरों के बावजूद इन दलालों पर कोई अंकुश नहीं लग पाया।
मरीजों और ग्रामीणों के लिए खतरा
- जैसे ही मरीज अस्पताल पहुंचता है, दलाल उसे घेर लेते हैं।
- डराकर निजी अस्पताल भेजा जाता है और मोटा कमीशन लिया जाता है।
- जाल अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर, लैब, अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन, एक्स-रे, डिलीवरी रूम, इमरजेंसी रूम और डॉक्टर के चेम्बर तक फैला हुआ है।
- कई निजी अस्पताल और जांच केंद्र बिना रजिस्टर्ड चल रहे हैं और मरीजों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं।
निजी एंबुलेंस की भूमिका
सदर अस्पताल के बाहर अक्सर निजी एंबुलेंस खड़ी रहती हैं। गंभीर मरीजों को तुरंत निजी अस्पताल भेज दिया जाता है, जबकि अस्पताल में जरूरी सुविधाएं और सर्जन मौजूद हैं।
ग्रामीण मरीज कैसे फंसते हैं
- निजी क्लीनिक और जांच केंद्र अपने दलालों को सैलरी देकर सदर अस्पताल में तैनात कर देते हैं।
- उनका काम होता है ग्रामीण क्षेत्रों से आए भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर निजी अस्पताल और जांच केंद्र ले जाना।
- अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन को इस पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।
अस्पताल का बयान
सदर अस्पताल प्रबंधन का कहना है:
- मरीजों की सुविधा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कड़ी की जा रही है।
- सीसीटीवी मॉनिटरिंग से निगरानी की जा रही है।
- किसी भी प्रकार की दलाली या अवैध रेफरल में संलिप्त पाए जाने वाले व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- मरीजों से अपील है कि वे किसी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना तुरंत प्रबंधन को दें।
स्रोत: डाॅ. गिरीश, डीएस, सदर अस्पताल समस्तीपुर
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