समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज में अब तक नहीं शुरू हुई इमरजेंसी सेवा, मरीजों की बढ़ रही परेशानी

समस्तीपुर। जिले के नरघोगी गांव में स्थित श्री राम जानकी मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी 2024 में किया था। उद्घाटन को डेढ़ साल से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन आज तक यहां समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी सेवा शुरू नहीं हो पाई है। इससे मरीजों और स्थानीय लोगों की परेशानी लगातार बढ़ रही है।


समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी सेवा क्यों नहीं शुरू हुई?

अस्पताल प्रशासन के अनुसार, इमरजेंसी सेवा चालू करने के लिए करीब 1100 नए कर्मचारियों की नियुक्ति जरूरी है। इसमें 450 डॉक्टर, 250 नर्स और लगभग 400 टेक्निकल स्टाफ की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है और भर्ती प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के जरिए होगी।

फिलहाल अस्पताल में HVAC सिस्टम और CCTV कैमरे लगाने का काम भी चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर सबकुछ योजना के अनुसार हुआ तो जनवरी 2026 से यहां इमरजेंसी सेवा शुरू हो सकती है।


मरीजों को केवल OPD सेवा का सहारा

फिलहाल कॉलेज में केवल ओपीडी (OPD) सेवा उपलब्ध है। अधीक्षक डॉ. जीसी कर्ण ने बताया कि उद्घाटन के समय 22 डॉक्टर, 22 नर्स और 10 टेक्निकल स्टाफ की मदद से OPD शुरू की गई थी। शुरुआत में रोज़ाना 200–300 मरीज आते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 700–800 प्रतिदिन तक पहुंच गई है।

हाल ही में यहां अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और ब्लड टेस्ट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। वर्तमान में 25 डॉक्टर और 48 नर्स काम कर रहे हैं। इसके बावजूद गंभीर मरीजों को यहां भर्ती करने के बजाय सीधे सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। यह स्थिति स्थानीय लोगों के लिए बेहद मुश्किल खड़ी कर रही है क्योंकि उन्हें लंबा सफर तय करना पड़ता है।


कब से शुरू होगी इमरजेंसी सेवा?

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इमरजेंसी सेवा शुरू करने के लिए जरूरी संसाधन और स्टाफ की कमी अभी तक पूरी नहीं हुई है। हालांकि, जैसे ही नियुक्तियां पूरी होंगी और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा, तब जाकर मरीजों को 24 घंटे की इमरजेंसी सुविधा मिलेगी।

स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जनवरी 2026 से स्थिति बदल जाएगी और उन्हें इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।


मेडिकल कॉलेज में MBBS एडमिशन की स्थिति

समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज में MBBS कोर्स अभी शुरू नहीं हुआ है। अधीक्षक डॉ. कर्ण के अनुसार, किसी भी नए मेडिकल कॉलेज में एडमिशन शुरू होने में कम से कम तीन साल का समय लगता है। चूंकि इस कॉलेज का उद्घाटन जनवरी 2024 में हुआ था, इसलिए यहां एडमिशन शुरू होने में अभी दो साल और लग सकते हैं। यानी कि संभवतः 2027 से यहां MBBS की पढ़ाई शुरू हो पाएगी।


स्थानीय लोगों की बढ़ रही नाराजगी

इलाके के लोगों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज बनने से उन्हें उम्मीद थी कि अब इलाज की बेहतर सुविधा मिलेगी। लेकिन डेढ़ साल गुजरने के बाद भी न तो इमरजेंसी सेवा शुरू हुई और न ही एमबीबीएस एडमिशन। ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक उन्हें केवल उम्मीदों के भरोसे रहना पड़ेगा।


नतीजा

समस्तीपुर के श्री राम जानकी मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन बड़ी उम्मीदों के साथ किया गया था, लेकिन अब तक यहां समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी सेवा शुरू नहीं हो पाई है। फिलहाल मरीजों को केवल OPD और जांच सुविधाओं का सहारा लेना पड़ रहा है। अगर सरकार और प्रशासन तेजी दिखाए तो आने वाले समय में यह कॉलेज पूरे इलाके के लिए वरदान साबित हो सकता है।

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