Samastipur News: डॉ. राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय पूसा ने NIRF रैंकिंग में 14वां स्थान पाया, बना पूर्वी भारत का नंबर-1 कृषि विश्वविद्यालय

समस्तीपुर (पूसा):
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा ने इस साल NIRF Ranking 2025 में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चार सितंबर को जारी रैंकिंग में विश्वविद्यालय ने देश भर के कृषि एवं संबद्ध विश्वविद्यालयों में 14वां स्थान प्राप्त किया है। वहीं, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों की श्रेणी में इसने पहला स्थान और पूरे पूर्वी भारत के कृषि विश्वविद्यालयों में नंबर-1 का खिताब हासिल किया है।

पिछले वर्ष 2024 में इस विश्वविद्यालय की रैंक 29 थी, जबकि इस बार यह 14वें स्थान पर पहुंचा है। यह प्रगति शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी NIRF Ranking में दर्ज की गई।

📌 कुलपति का बयान

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय ने कहा कि लगातार बेहतर रैंकिंग मिलना पूरे विश्वविद्यालय परिवार के लिए उत्साहजनक है। उन्होंने बताया कि शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार के क्षेत्र में तेज़ी से सुधार हुआ है। इस उपलब्धि में शिक्षक, वैज्ञानिक, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं सभी का योगदान है। उन्होंने यह भी कहा कि लक्ष्य केवल राष्ट्रीय स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में भी अच्छा प्रदर्शन करना है।

📌 रिसर्च और इनोवेशन

निदेशक अनुसंधान डॉ. ए. के. सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में रिसर्च की गुणवत्ता में तेजी से सुधार हुआ है। अब अधिकांश शोध किसानों और आम लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि पिछले तीन सालों में विश्वविद्यालय को 13 से अधिक पेटेंट प्राप्त हुए हैं।

📌 शिक्षा और छात्रों का प्रदर्शन

निदेशक शिक्षा डॉ. उमाकांत बेहरा ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। कुलपति छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए लगातार प्रयासरत हैं। दीक्षारंभ कोर्स जैसी पहल ने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में अहम भूमिका निभाई है, जिसे अब सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया है।

📌 रैंकिंग का महत्व

NIRF Ranking भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2015 से शुरू की गई थी। इसमें विश्वविद्यालयों को शिक्षा, अनुसंधान, विद्यार्थियों की सफलता और समावेशिता जैसे विभिन्न मानकों पर आंका जाता है।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा की इस उपलब्धि से शिक्षकों, वैज्ञानिकों और छात्रों में खुशी की लहर है। लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं और आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जता रहे हैं।

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